
परम प्रिय सतगुरुदेव की १०२वीं जन्म जयंती: दूसरा दिन
हाल ही में हमारे श्रद्धेय सतगुरु, हिन्दू धर्म सम्राट परमहंस श्री स्वामी माधवानन्द जी महाराज के १०२वें जन्मदिवस के सम्मान में विश्वदीप गुरुकुल, ॐ आश्रम में एक विशेष सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में कई सम्मानित अतिथि सम्मिलित हुए। मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक श्री जोगेश्वर जी गर्ग तथा मुख्य वक्ता के रूप में आरएसएस के श्री विपुल जी भाई साहब उपस्थित थे।

यह सम्पूर्ण कार्यक्रम हमारे परम प्रिय गुरुदेव, परम पावन विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस श्री स्वामीमहेश्वरानंद पुरी जी महाराज के आशीर्वाद से धन्य हुआ।














वक्ताओं ने श्री स्वामी माधवानन्द जी की महान प्रज्ञा और जीवन के प्रति उनके व्यावहारिक, मानवीय दृष्टिकोण की कथाएँ साझा कीं। उन्होंने सिखाया कि सच्ची आध्यात्मिकता हमारे दैनिक कार्यों से ही प्रकट होती है।


श्री स्वामी माधवानन्द जी का संदेश सरल था: सत्य, करुणा और निस्वार्थ सेवा के साथ जीवन जिएं।




"मानवता की सेवा ही सच्चा धर्म है, और क्रियाशील प्रेम ही सच्ची आध्यात्मिकता है।" यह महान संत श्री स्वामी माधवानन्द जी का प्रसिद्ध कथन है।








इस उत्सव ने सभी को उनकी सेवा और भक्ति की सुन्दर शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। हरि ॐ

