
ओम आश्रम में एक दिव्य संध्या: प्रार्थना की शक्ति
इस सोमवार को ओम आश्रम के शिव मंदिर में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। जहाँ दैनिक प्रार्थनाएँ आमतौर पर सुबह 6:30 बजे शुरू होती हैं और शाम 7:00 बजे समाप्त होती हैं, वहीं यह शाम कुछ अलग थी।

सिरोही, राजस्थान से 500 से अधिक तीर्थयात्री 10 बसों में पहुँचे, जो संध्या-प्रार्थना में शामिल हुए और मंदिर के वातावरण को वास्तव में अविस्मरणीय बना दिया।

तीर्थयात्रियों की उपस्थिति ने इस स्थान को ऐसी भक्ति से भर दिया, जो आज भी मंदिर के पवित्र स्तंभों के बीच व्याप्त है।

जैसा कि हमारे प्रिय गुरुदेव, विश्वगुरु जी, हमें अक्सर याद दिलाते हैं: "प्रार्थना से अधिक शक्तिशाली कुछ भी नहीं है।"

हमारे प्रिय गुरुदेव कहते हैं कि प्रार्थना एक केंद्रित विचार है। चाहे हम दिवंगतों के लिए प्रार्थना करें या नए जीवन के लिए, प्रार्थना जागरूकता, भक्ति और परिवर्तन को जगाती है। उस पवित्र मौन में, हमारा प्रेम बोलता है—और परमात्मा सुनता है।

🙏आइए हम इस सत्य को बनाए रखें: प्रार्थना से अधिक शक्तिशाली कुछ भी नहीं है। हरि ॐ



