
ओम आश्रम में दिव्य दर्शन
जब हमारे प्रिय गुरुदेव भगवान, विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस श्री स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज, हम पर अपनी कृपा-दृष्टि डालते हैं, तो वह आशीर्वाद की बौछार और अमृत की वर्षा बन जाती है।
दर्शन एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधना है। यह कृपा का प्रत्यक्ष प्रवाह है, जो चित्त को शुद्ध करता है, अंतर्द्वंद्व का समाधान करता है, और आत्म-साक्षात्कार के हमारे मार्ग को गति प्रदान करता है।






गुरु के सानिध्य की चाह आत्मा की एक दिव्य पुकार है। जैसा कि एक भक्त कहता है: "हे प्रिय गुरुदेव, कृपा करें! मुझे एक बार फिर अपने दर्शन दीजिए। मैं शंकाओं और भय के जाल में उलझ गया हूँ। पुनः दर्शन देकर अपनी कृपा बरसाएँ।"




हमें सांसारिक वस्तुओं की आवश्यकता नहीं है; हमें केवल परमात्मा के सान्निध्य में रहने की आवश्यकता है, क्योंकि मात्र दर्शन ही पर्याप्त है।



हमें यह दर्शन और गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने का यह महान अवसर मिला है। आइए इस गहरे संबंध का अनुभव करने के लिए एक साथ आएँ।


सभी का स्वागत है। आएँ, अपने हृदयों को गुरु के प्रकाश से भर दें। हरि ॐ