
गुरु पूर्णिमा - पावन गुरु पूजा समारोह
ॐ आश्रम का वातावरण ऊर्जा से स्पंदित हो रहा था। जैसे ही गुरु पूजा आरंभ हुई, पवित्र मंत्र और शक्तिशाली भजन पूरे वातावरण में गूंज उठे, जिससे हर हृदय भक्ति से भर गया।
इस उत्सव का केंद्र एक सुंदर पाद पूजा थी। यह प्राचीन अनुष्ठान गुरु के श्री चरणों में गहन प्रेम और कृतज्ञता अर्पित करने की एक प्रक्रिया है। यह विनम्रता का एक शक्तिशाली क्षण है, जो हमारे आध्यात्मिक पथ को आलोकित करने वाले गुरु का सम्मान करता है।

राजस्थान सरकार के माननीय मंत्री, श्री जोराराम कुमावत महाराज ने हमारे प्रिय गुरुदेव, परम पूज्य विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज के प्रति अपना गहन सम्मान प्रकट करते हुए गुरु पूजन किया। उन्होंने गुरुदेव को मुख्यमंत्री की ओर से एक आधिकारिक सम्मान पत्र भी भेंट किया। हम इस अद्भुत भाव के लिए हृदय से आभारी हैं।















भक्तों ने हृदय से उपहार अर्पित किए: रंग-बिरंगे फूल, मीठे फल, सुगंधित धूप, और जलते दीपकों की कोमल लौ। प्रत्येक भेंट गहरे सम्मान और समर्पण का एक सरल, सुंदर प्रतीक थी।






जब अनुष्ठान समाप्त हुए, तो वह आनंद सभी ने साझा किया। सभी को प्रसाद (पवित्र भोजन) और चरणामृत (पवित्र जल) मिला—यह गुरु की दिव्य कृपा, उनकी कृपा का साक्षात प्रसाद था।




ये सुंदर समारोह इस बात की एक सशक्त याद दिलाते हैं कि हम अपने गुरु को जो सबसे बड़ा उपहार दे सकते हैं, वह है प्रेम और निर्मल मन से उनकी शिक्षाओं का पालन करना।

आपके गुरु का प्रकाश आपको सदैव ज्ञान और शांति की ओर मार्गदर्शन करता रहे। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ